तथ्यात्मक और सटीक आंकड़ों से योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन संभव : मुख्यमंत्री

  • राज्य सांख्यकी आयोग का होगा गठन
  • म.प्र. के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने की कार्य पद्धति एवं गणना पर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों के तथ्यात्मक और सटीक आंकड़े उपलब्ध हों तो योजनाओं का क्रियान्वयन अच्छे ढंग से संभव होता है। परिवर्तन के इस दौर में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हो तो नीति अच्छी नहीं बन पायेगी। योजनाओं के निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक का दारोमदार आंकड़ों पर ही निर्भर करता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने की कार्य पद्धति एवं गणना पर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के समापन-सत्र को संबोधित कर रहे थे। वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टास्क फोर्स कमेटी की अनुशंसा के आधार पर मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन हो रहा है। राज्य और जिला स्तर पर पूर्ण कम्प्यूटराइजेशन का निर्णय लिया गया है। इससे काम करना आसान हो जायेगा। डेटा के मानकीकरण के लिए सांख्यिकी प्रकोष्ठ का निर्माण किया गया है। देश और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए लक्ष्य तय करना पड़ेंगे। बिना बड़ा लक्ष्य निर्धारित किए हम बहुत आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे दैनिक जीवन की गतिविधियों का आधार भी डेटा होता है। किसी भी क्षेत्र में बिना डेटा के कार्य नहीं चल सकता। वर्तमान सदी डेटा पर निर्भर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत की परिकल्पना के लिए डेटा पर बल दिया है। डेटा शुद्ध विश्वसनीय हो, जिससे योजनाएँ अच्छी बनें और उनका नीचे तक लाभ पहुँचे। उन्होंने कहा कि डेटा कलेक्शन के लिए ट्रेनिंग और आवश्यक व्यवस्थाएँ करेंगे। डेटा की विश्वसनीयता के लिए दूसरी एजेंसियों का दखल नहीं होना चाहिए। डेटा जनोपयोगी और गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। डेटा खराब होगा तो निष्कर्ष भी खराब निकलेंगे। हमें अच्छे डेटा की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 550 अरब डॉलर का योगदान प्रदेश की ओर से भारत की 5 ट्रिलियन की अर्थ-व्यवस्था बनाने में दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य जैसा सोचता और करता है, वैसा हो जाता है। इसलिए यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण निरंतर होते रहेंगे।

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि सांख्यिकी का हर विभाग में महत्व है। राज्यों के विकास के लिए सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है भारत का लक्ष्य 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का है। इसी गति से अर्थ-व्यवस्था में बढ़ोत्तरी होगी तो वर्ष 2025-26 में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का लक्ष्य हासिल हो जायेगा। मध्यप्रदेश सबसे तेज गति से आगे बढ़ता प्रदेश है। प्रदेश स्तर पर जो कार्य हो रहा है उसे जिला स्तर पर भी करना होगा। हम 550 बिलियन डॉलर का योगदान देंगे। आज मध्यप्रदेश की कृषि का 170 हजार करोड़ का योगदान है।

सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि लक्ष्य आधारित प्रशिक्षण करते रहने से पॉलिसी मेकिंग में सहायता मिलेगी। प्लानिंग के लिए यह जरूरी है। आगे भी ऐसी कार्यशालाएँ होती रहेंगी।

प्रमुख सचिव योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मुकेशचंद गुप्ता ने कहा कि सांख्यिकी व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों के दक्षता संवर्धन की आवश्यकता को देखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यशाला की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी, आकांक्षी जिला और विकासखंड योजना का इसमें प्रशिक्षण दिया गया है। आईटी का उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। नई टेक्नोलॉजी और सुझावों की जानकारी से भी अवगत कराया गया है। अंत में आभार आयुक्त योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी अभिषेक सिंह ने माना।

तथ्यात्मक और सटीक आंकड़ों से योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन संभव : मुख्यमंत्री

  • राज्य सांख्यकी आयोग का होगा गठन
  • म.प्र. के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने की कार्य पद्धति एवं गणना पर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आर्थिक गतिविधियों के तथ्यात्मक और सटीक आंकड़े उपलब्ध हों तो योजनाओं का क्रियान्वयन अच्छे ढंग से संभव होता है। परिवर्तन के इस दौर में सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हो तो नीति अच्छी नहीं बन पायेगी। योजनाओं के निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक का दारोमदार आंकड़ों पर ही निर्भर करता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने की कार्य पद्धति एवं गणना पर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के समापन-सत्र को संबोधित कर रहे थे। वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टास्क फोर्स कमेटी की अनुशंसा के आधार पर मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहाँ राज्य सांख्यिकी आयोग का गठन हो रहा है। राज्य और जिला स्तर पर पूर्ण कम्प्यूटराइजेशन का निर्णय लिया गया है। इससे काम करना आसान हो जायेगा। डेटा के मानकीकरण के लिए सांख्यिकी प्रकोष्ठ का निर्माण किया गया है। देश और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए लक्ष्य तय करना पड़ेंगे। बिना बड़ा लक्ष्य निर्धारित किए हम बहुत आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे दैनिक जीवन की गतिविधियों का आधार भी डेटा होता है। किसी भी क्षेत्र में बिना डेटा के कार्य नहीं चल सकता। वर्तमान सदी डेटा पर निर्भर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत की परिकल्पना के लिए डेटा पर बल दिया है। डेटा शुद्ध विश्वसनीय हो, जिससे योजनाएँ अच्छी बनें और उनका नीचे तक लाभ पहुँचे। उन्होंने कहा कि डेटा कलेक्शन के लिए ट्रेनिंग और आवश्यक व्यवस्थाएँ करेंगे। डेटा की विश्वसनीयता के लिए दूसरी एजेंसियों का दखल नहीं होना चाहिए। डेटा जनोपयोगी और गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। डेटा खराब होगा तो निष्कर्ष भी खराब निकलेंगे। हमें अच्छे डेटा की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 550 अरब डॉलर का योगदान प्रदेश की ओर से भारत की 5 ट्रिलियन की अर्थ-व्यवस्था बनाने में दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य जैसा सोचता और करता है, वैसा हो जाता है। इसलिए यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण निरंतर होते रहेंगे।

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि सांख्यिकी का हर विभाग में महत्व है। राज्यों के विकास के लिए सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है भारत का लक्ष्य 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का है। इसी गति से अर्थ-व्यवस्था में बढ़ोत्तरी होगी तो वर्ष 2025-26 में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का लक्ष्य हासिल हो जायेगा। मध्यप्रदेश सबसे तेज गति से आगे बढ़ता प्रदेश है। प्रदेश स्तर पर जो कार्य हो रहा है उसे जिला स्तर पर भी करना होगा। हम 550 बिलियन डॉलर का योगदान देंगे। आज मध्यप्रदेश की कृषि का 170 हजार करोड़ का योगदान है।

सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि लक्ष्य आधारित प्रशिक्षण करते रहने से पॉलिसी मेकिंग में सहायता मिलेगी। प्लानिंग के लिए यह जरूरी है। आगे भी ऐसी कार्यशालाएँ होती रहेंगी।

प्रमुख सचिव योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मुकेशचंद गुप्ता ने कहा कि सांख्यिकी व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों के दक्षता संवर्धन की आवश्यकता को देखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यशाला की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी, आकांक्षी जिला और विकासखंड योजना का इसमें प्रशिक्षण दिया गया है। आईटी का उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। नई टेक्नोलॉजी और सुझावों की जानकारी से भी अवगत कराया गया है। अंत में आभार आयुक्त योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी अभिषेक सिंह ने माना।

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